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Saturday, August 23, 2014



लम्बोदर आकार , प्रथम पूज्य, महानायक!!! 

पार्वतीनन्दन, विघ्नहर, गायक, गणनायक!!!
भक्तों के आलम्ब, सूर्यरूप!!! जगपालक !!!
हे वक्रतुंड!!! महाज्ञानी!!! विद्या सुखदायक !!!
मैं योगी नहीं केवल प्रणाम करती हूँ,,,,,, 
सिद्धि दो, ज्ञान का वरदान दो, सिद्धिदायक!!! 

हे आपके निमित्त दुरवा सिंदूर और मोदक !!!
एक दन्त हो, मुकुट मन्दार फूल से शोभित!!! 
बड़े विकट हो, हमारे निकट हो, सुखदायक!!! 
मोहक वर्ण धूम्र सा, भाल पर चन्द्र है प्यारा !!!
हे वरदेव!!! गणपति तुम्हारा नाम है वरदायक !!!
अक्षर, पद ,मात्रा, छूटी माफ़ी दो!!! भक्त हूँ न्यारा !!!…''तनु ''





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