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Wednesday, August 27, 2014

झीने झीने  खटोले पर  --- ---   सो रहे गण राया !
आओ लल्ला उठकर आओ,-- माँ गौरी ने बुलाया !! 
मोदक के थाल सजे हैं,-- मोतियो से चौक पुराया !
मधुर वीणा बजी,- वाणी ने स्वागत गान सुनाया !!
लल्ला ने आँखें खोली और -मन ही मन मुस्काया !
मोदक की मीठी खुशबू ने- भालचंद्र को ललचाया !!


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