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Friday, January 22, 2016

कुछ पल ही गुजरे हुए,  रख्त-ए-सफर है ;
आँखें कई लगी हुई,   अहल-ए-नजर है!
लब -ए -दरिया हकीकत में चार कदम ही , ,,
सम्भलो के लोग हुए बाजार-ए-हुनर हैं!!,,,,,,तनुजा ''तनु ''

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