मेहर उसी की
खूबसूरत खयालों से न छूटा कभी ;
कहर कोई , तूफां न टूटा कभी !
आसमाँ में उसी ने भरे रंग हैं , ,,
मेहर रही खुदा की वो न रूठा कभी !!
खूबसूरत खयालों से न छूटा कभी ;
कहर कोई , तूफां न टूटा कभी !
आसमाँ में उसी ने भरे रंग हैं , ,,
मेहर रही खुदा की वो न रूठा कभी !!
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