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Saturday, January 2, 2016

अभी तो एक कदम ही चले, बहुत संघर्ष बाकी है ;
अंधियारे की रजनी ढले , बहुत उत्कर्ष बाकी है !
कलम की धार पैनी हो कटे विचारों की फसल, ,,
सृजन मार्जन परिमार्जन ज्ञान सहर्ष बाकी है !!,,,तनुजा ''तनु ''

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