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Sunday, January 3, 2016

जादू है इश्क भी ....... 



झुकी गर आँख, ,, तो दिल की कहानी यूँ सुनाओगे ;
बंद होठ कलियाँ बन के, ,, मुस्कुराके, खिलाओगे ! 

अजब सेहर, ,, कभी सुलझी इश्क की राह भी दिलबर ? 
चल पडे हो, ,, मगरिब कहीं मशरिक़ कहीं दिखाओगे !!

कहाँ खिड़की मुहब्बत की, ,, दर ओ दीवार भी गुम हैं ;
कब तलक चाँद तारों को दुनिया अपनी बनाओगे !

अब बिखर के गुल, ,,कहीं बिफर दरिया, न बन जाना तुम ;
नहीं तूफां बना साहिल, सितम अगर समझाओगे !!

भली इक शब,  भला है एक चाँद कहीं नज़ारों में ; 
 ''तनु ''कभी सोचा नहीं था तुम दुबारा चाँद लाओगे !!!.... तनुजा ''तनु ''

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