जादू है इश्क भी .......
झुकी गर आँख, ,, तो दिल की कहानी यूँ सुनाओगे ;
बंद होठ कलियाँ बन के, ,, मुस्कुराके, खिलाओगे !
अजब सेहर, ,, कभी सुलझी इश्क की राह भी दिलबर ?
चल पडे हो, ,, मगरिब कहीं मशरिक़ कहीं दिखाओगे !!
कहाँ खिड़की मुहब्बत की, ,, दर ओ दीवार भी गुम हैं ;
कब तलक चाँद तारों को दुनिया अपनी बनाओगे !
अब बिखर के गुल, ,,कहीं बिफर दरिया, न बन जाना तुम ;
नहीं तूफां बना साहिल, सितम अगर समझाओगे !!
भली इक शब, भला है एक चाँद कहीं नज़ारों में ;
''तनु ''कभी सोचा नहीं था तुम दुबारा चाँद लाओगे !!!.... तनुजा ''तनु ''
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