झीनी रे चदरिया
चादरों के ढेर में चादर इक' मेरी, बहुत मैली ;
कौन चोर चुरा चला, नभ से सितारों की सहेली !
टूट जाएगी इक पल में ही सरगम साँस की अब , ,,
कब मिटा नूर जरा' ने घेरा तन भूल गया केलि!! ...तनुजा ''तनु ''
चादरों के ढेर में चादर इक' मेरी, बहुत मैली ;
कौन चोर चुरा चला, नभ से सितारों की सहेली !
टूट जाएगी इक पल में ही सरगम साँस की अब , ,,
कब मिटा नूर जरा' ने घेरा तन भूल गया केलि!! ...तनुजा ''तनु ''
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