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Tuesday, January 19, 2016

वाह वाह क्या बात है 

सब सुनेंगे सबको सुनाएँ, वाह वाह क्या बात है ;
उमड़े भावना शोर मचाएँ, वाह वाह क्या बात है !

गिरह खोले लिख कर बोले क्या तलब है भाई ?
लिखे को मिल गुनगुनाएँ, वाह वाह क्या बात है !

सबके पास दिल है औ भावों की नदिया ठहरी ;
मोती चुने न खाक उड़ाएँ, वाह वाह क्या बात है !

इंद्र धनुष पर फूल खिलाएँ, बूंदों पर टाँकेंगे तारे ;
सब्ज शाख़ परिंदे न उड़ाएँ,  वाह वाह क्या बात है !

तू मेरे अक्स सा ढल जा, तेरे अक्स सा मैं हो जाऊँ ;
एक दूजे का काव्य सराहें ,वाह वाह क्या बात है!!....तनुजा ''तनु ''






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