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Monday, November 20, 2017

दाग ही दाग उसके किरदार में ;


दाग ही दाग उसके किरदार में ;
वो क़मर है कितने बहके प्यार में !

मिटटी में मिली सब बदगुमानियाँ ;
चाँदनी ने कुछ कहा अशआर में ! 

दीप कितने जल गए हैं तारों के ;
शब चली खोने नींद के संसार में !... ''तनु''

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