दाना री सुणे कुण, दाना री वात गयी ;
निसाण भी मिटी गया, दाना री वात गयी !
वातां करे खोटी ने , खोटी जगा बैठे ;
टेगड़ो भी सूंघी ने बैठे ,दाना री वात गयी !
वाचा में जेहर घणों , कालजे कटार लागे ;
अरथ को अनरथ करयो,दाना री वात गयी !
अच्छो काम करे नई , ने करवा दे नी ;
मिली ने कुण चाले , दाना री वात गयी
मानता था ''तनु'' सब जो केता था दाना;
आपणों ही राज है, दाना री वात गयी !.... ''तनु''
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