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Wednesday, November 29, 2017

दाना री सुणे कुण, दाना री वात गयी ;




दाना री सुणे कुण,      दाना री वात गयी ;
निसाण भी मिटी गया, दाना री वात गयी !

वातां करे खोटी ने ,        खोटी जगा बैठे ;
टेगड़ो भी सूंघी ने बैठे ,दाना री वात गयी !

वाचा में जेहर घणों , कालजे कटार लागे ;
अरथ को अनरथ करयो,दाना री वात गयी !

अच्छो काम करे नई , ने करवा दे नी ;
मिली ने कुण चाले , दाना री वात गयी 

मानता था ''तनु'' सब जो केता था दाना;
आपणों ही राज है,      दाना री वात गयी !.... ''तनु''

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