तितली जी ओ तितली जी ,
उड़ कर आना तितली जी !!
बड़ा भला लगता आँखों को
उड़ते रहना तुम्हारा,
इन फूलों से उन फूलों पर
ठुमक ठुमक कर इठलाना !
कौन सँवारे पंख रंगीले
तुम बतलाना तितली जी !!
बाग़ बगीचे दौड़ लगाती
धूप से भी न घबराती,
कभी बहारों से बतियाती
फूलों से खाना पाती !
अभी कितना काम तुम्हारा ,
कभी न सोना तितली जी !!
खड़े खड़े लेती हो जान ,
सेंसर पाँव के हैं महान !
उड़ न पाओ ठंड़े ख़ून
नहीं तो जा पहुँचो रंगून !
अंडे तुम पत्तों पर देती,
रंग रंगीली तितली जी !!
रहती कभी ना तुम टेन्स ,
आँख में बहुतेरे लेंस !
बड़ी तितली है बारह इंच
सबसे छोटी आधा इंच !
छू कर समझ सब जाती ,
नहीं देखती तितली जी !!
तितली जी ओ तितली जी,
उड़ कर आना तितली जी!!... ''तनु''
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