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Tuesday, November 14, 2017

तितली




तितली जी ओ  तितली जी ,
उड़ कर आना  तितली जी !!


बड़ा भला लगता आँखों को 
उड़ते रहना तुम्हारा,
इन फूलों से उन फूलों पर
ठुमक ठुमक कर इठलाना !
कौन सँवारे पंख रंगीले 
तुम बतलाना  तितली जी !!

बाग़ बगीचे दौड़ लगाती 
धूप से भी न घबराती,
कभी बहारों से बतियाती 
फूलों से खाना पाती !
अभी कितना काम तुम्हारा ,
कभी न सोना तितली जी !!

खड़े खड़े लेती हो जान ,
सेंसर पाँव के हैं महान !
उड़ न पाओ ठंड़े ख़ून 
नहीं तो जा पहुँचो रंगून !
अंडे तुम पत्तों पर देती,
रंग रंगीली तितली जी !!

रहती कभी ना तुम टेन्स ,
आँख में बहुतेरे लेंस !
बड़ी तितली है बारह इंच 
सबसे छोटी आधा इंच !
छू कर समझ सब जाती ,
नहीं देखती तितली जी !!

तितली जी ओ  तितली जी, 
उड़ कर आना  तितली जी!!... ''तनु'' 


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