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Saturday, November 11, 2017

गुल मुरझाया क्यों ख़ारों से पूछा होता,




गुल मुरझाया क्यों ख़ारों  से पूछा होता ;
कल मुस्काया वो बहारों से पूछा होता!

सभी ने आलम देखा ब-अंदाज़-ए-दिगर;
आपने देखा क्या नजारों से पूछा होता!

 कोहसार नदी पवन की सीरत बदली;
आब औ ख़ाक के जर्रों से पूछा होता!

 मुन्कशिफ़ है तबाही का हाल क्या कीजै;
 सबा में आग क्यों अंगारों से पूछा होता!

 गैर की बात नहीं खुद ये दिल कह देगा;
 नहीं डगरआसां दुश्वारियों से पूछा होता!... ''तनु ''

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