गुल मुरझाया क्यों ख़ारों से पूछा होता ;
कल मुस्काया वो बहारों से पूछा होता!
सभी ने आलम देखा ब-अंदाज़-ए-दिगर;
आपने देखा क्या नजारों से पूछा होता!
कोहसार नदी पवन की सीरत बदली;
आब औ ख़ाक के जर्रों से पूछा होता!
मुन्कशिफ़ है तबाही का हाल क्या कीजै;
सबा में आग क्यों अंगारों से पूछा होता!
गैर की बात नहीं खुद ये दिल कह देगा;
नहीं डगरआसां दुश्वारियों से पूछा होता!... ''तनु ''
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