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Sunday, November 12, 2017

बाब कभी के बंद हुए नामा-ए आमाल के ;



बाब कभी के बंद हुए नामा-ए आमाल के ;
झोली में मेरे कुछ ना रहा नाम कंगाल के !
लहरें होंगी ख़्वाबीदा तो तूफ़ान आएगा , ,,  
या ख़ुदा रहम, ,,अनाम हूँ नाम इक़बाल के !! ... ''तनु ''

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