Labels

Sunday, November 26, 2017

कोई पलकें बिछाये, फूल बिखरते आइये ;



कोई पलकें बिछाये,फूल बिखेरते आइये ;
दुआएँ बहुत हैं आप दामन भरते आइये !

कोई है जो दिए बैठा है खुशियाँ अपनी , ,,
समेट लीजिये उन्हें आप निखरते आइये !!

अफ़सोस नहीं जाहिर करते अभावों का 
हैं नियामतें उसी की आप सँवरते आइये ...'' तनु ''

No comments:

Post a Comment