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Thursday, April 5, 2018

बात उनमें कुछ न थी यूँ निसार होते रहे ;

बात उनमें कुछ न थी यूँ निसार होते रहे ;
वो चुभ हमारे दिल में खार खार होते रहे !

आज़मायेंगे कब तक वो आज़माने वाले;  
बे-इख्तियार वो थे हम बेकरार होते रहे ! 

बहुत जगह दिल में नियामत अल्लाह की;
बे -ग़म रहोगे तुम हम ग़म गुसार होते रहे !... ''तनु''



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