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Wednesday, April 18, 2018

बहती रहे अम्न की ख़ुश्बू 

कभी सियासत न पहुंचे आपके गाँव में ;
प्यार से रहें सभी इक दूजे की छाँव में !
ये नफरतों का ज़हर कहीं बहा दो तुम , ,,
अम्न की ख़ुश्बू बहती है यहाँ हवाओं में !!... ''तनु''

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