बहती रहे अम्न की ख़ुश्बू
कभी सियासत न पहुंचे आपके गाँव में ;
प्यार से रहें सभी इक दूजे की छाँव में !
ये नफरतों का ज़हर कहीं बहा दो तुम , ,,
अम्न की ख़ुश्बू बहती है यहाँ हवाओं में !!... ''तनु''
कभी सियासत न पहुंचे आपके गाँव में ;
प्यार से रहें सभी इक दूजे की छाँव में !
ये नफरतों का ज़हर कहीं बहा दो तुम , ,,
अम्न की ख़ुश्बू बहती है यहाँ हवाओं में !!... ''तनु''
No comments:
Post a Comment