Labels
Jyotish
Kaavya
Thursday, April 19, 2018
सिमटती साँस में पली,
सिमटती साँस में पली, अंतिम पल की आह !
प्राण पखेरु उड़ चले, नील गगन की राह !!
हरि नयनों में खो गयी, जीवन की ये साँझ !
अनहद दूर सुनाय रे , मनवा बजती झाँझ !!... ''तनु''
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment