ख़बर कहाँ रखता है चाँद मेरे इरादों की !
भूल ही गया वह तो बात अपने वादों की!!
मैं अर्ज़मन्द हूँ तो मैं याद दिला दूँ उसको, ,,
अज़ल वो ही और चाँदनी मुलाकातों की!!.... ''तनु''
भूल ही गया वह तो बात अपने वादों की!!
मैं अर्ज़मन्द हूँ तो मैं याद दिला दूँ उसको, ,,
अज़ल वो ही और चाँदनी मुलाकातों की!!.... ''तनु''
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