अपने किये का मलाल कैसे हो,
बोलो क़ाबू में हाल कैसे हो?
क़ैद में हैं सभी ज़रूरत की,
ग़ुरबत में रोटी दाल कैसे हो ?
स्याह रंगों घिरी यहाँ दुनिया,
रंग काला गुलाल कैसे हो ?
जिन सवालों हों, नज़रें नीची,
अब उसी पर सवाल कैसे हो ?
चाह कैसी लगी तुम्हे कहना, चलते रस्ते बवाल कैसे हो ?
यहाँ नक़्ली सभी नक़्ल करके,
सादे अल्फाज कमाल कैसे हो ?
जो उमंगें रवानगी खो दें ,
उन तरंगों उछाल कैसे हो ?
कहते हो ? अपना ख़्याल रखना तुम,
सिर्फ कहकर, सम्हाल कैसे हो ??.... ''तनु''
बोलो क़ाबू में हाल कैसे हो?
क़ैद में हैं सभी ज़रूरत की,
ग़ुरबत में रोटी दाल कैसे हो ?
स्याह रंगों घिरी यहाँ दुनिया,
रंग काला गुलाल कैसे हो ?
जिन सवालों हों, नज़रें नीची,
अब उसी पर सवाल कैसे हो ?
चाह कैसी लगी तुम्हे कहना, चलते रस्ते बवाल कैसे हो ?
यहाँ नक़्ली सभी नक़्ल करके,
सादे अल्फाज कमाल कैसे हो ?
जो उमंगें रवानगी खो दें ,
उन तरंगों उछाल कैसे हो ?
कहते हो ? अपना ख़्याल रखना तुम,
सिर्फ कहकर, सम्हाल कैसे हो ??.... ''तनु''
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