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Saturday, April 25, 2020

पटरियाँ

ये मेरी निश्चिंतता,   हर पल का है साथ
कितनी भी हों दूरियाँ, एक हमारा पाथ

भार ढोती दुनिया का , करती हूँ व्यापार
कहो कहाँ हैं दूरियाँ , एक किया संसार

हर दम मैं निश्चिंत हूँ, हर पल तुम हो साथ
कितनी नापी दूरियाँ,   छूटेगा ना पाथ 

मेरी तेरी  प्रीत का, कहीं नहीं आधार
संग संग तेरे चली, कभी मिला ना प्यार

पटरी पर ही प्रीत है , पटरी पर ही बैर 
पहुँचो जब गंतव्य तो ,आप मनाना ख़ैर 

पटरी पटरी प्रीत है , पटरी पटरी बैर
मैं मिलाती जहान को, खूब कराती सैर 

माँ जाई हम बेटियाँ,        दूर बहुत ससुराल !
मिल कर भी हम ना मिली, भाग लिखे हैं भाल !!... ''तनु''

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