खूबसूरत एहसास जगाने का शुक्रिया!
जिन्दगी सुन तुझे प्यार बढ़ाने का शुक्रिया!!
सच हुए अरमान भी और झूमता है मन!
कंटकों को फूलों सा बनाने का शुक्रिया!!
हद और सरहद के बीच उलझ गया हूँ!
बेहद है जिससे, प्यार बढ़ाने का शुक्रिया!!
सोच में भी तू है समझा हूँ मैं तुझको ही!
नीव में समाकर, गुंबद बनाने का शुक्रिया!!
रोम रोम में तू है और साँस साँस तेरी!
मक़सद मेरी मुस्कान,बनाने का शुक्रिया !!
कस्तूरी उगी आँगन, बढ़ी और महकेगी!
फूल फूल खुश्बुएँ, बढ़ाने का शुक्रिया!!
मौजूद है तू नन्ही किलकारियों में दाता !
फूल फूल खुश्बुएँ, बढ़ाने का शुक्रिया!!
मौजूद है तू नन्ही किलकारियों में दाता !
मुस्तक़िल गूँज, अनहद बनाने का शुक्रिया !!.. ''तनु''
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