आया कोई एक हक़ीक़त लेकर !
अच्छे अन्दाज़ की अक़ीदत लेकर!!
मुख्तलिफ़ सी बात भी समझी ऐसे !
छलक गयी ख़ुशियाँ भी निय्यत लेकर !!
शुबह क्यों दिल रहता किसी के बाक़ी!
मुख्तलिफ़ सी बात भी समझी ऐसे !
छलक गयी ख़ुशियाँ भी निय्यत लेकर !!
शुबह क्यों दिल रहता किसी के बाक़ी!
मुश्क़िलें हल करता मुसीबत लेकर!!
हसरत थी की कोई मयस्सर आए !
आया फ़ितरत अच्छी, ज़ीनत लेकर !!
समझना भी ''तनु'' खुद ही को पड़ेगा !
हसरत थी की कोई मयस्सर आए !
आया फ़ितरत अच्छी, ज़ीनत लेकर !!
समझना भी ''तनु'' खुद ही को पड़ेगा !
सीखा अजी सबने नसीहत लेकर !!... ''तनु''
No comments:
Post a Comment