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Saturday, June 27, 2020

ज़िक्र न करो कहानी में!

सिर्फ़ अँधेरों का ही ज़िक्र न करो कहानी में!
कुछ चराग़ तो रखो खुशियों की अगवानी में !!
दहलीज तक आयी जिंदगी मना लो उसको, ,,
साजिशें भूल जाओ इस नई जिंदगानी में!! ... ''तनु''

करते तो फरियाद

चुप चुप क्यों सहा तुमने,  करते तो फरियाद!
हो सकता था घुटन से,        हो जाते आज़ाद!!
हो जाते आज़ाद ,   अगर जो दिल की कहते !
अपनो के आघात,      अकेले तुम  ना  सहते!!
दिल से हो बेज़ार,       बने अपघाती छुप छुप !
गये  हौसला हार,    क्यों सहा तुमने  चुप चुप!!... 'तनु'

तगड़ी भागमभाग!

कोरोना के राज में,    तगड़ी भागमभाग!
साफ सफाई का सभी, आलापे मिल राग!!
आलापे मिल राग,  हर पल भरम में रहते!
धोते फल औ साग,  बात भी दूर से करते!!
बदल गये हैं भाग,   यह है रोज का रोना!
तगड़ी भागमभाग,   खूब भगाय कोरोना!!... ''तनु''

जीते जी अवसान है,

जीते जी अवसान है,  मरने पर न मसान!
अनचाहे इस रोग का,   दर्द सहे इंसान!!

दर्द सहे इंसान,             पीर देखी ना जाये!
घ्राण शक्ति का ह्रास,  स्वाद भी खोता जाये !!

नहीं उतरता ताप, बदन जकड़न से टूटे!
कोरोना है काल,   अवसान जी के जीते!!..... ''तनु''

पूछता है क्या मेरी परछाइयों से!

पूछता है क्या मेरी परछाइयों से!
मैं ही तो गुज़रा मेरी तन्हाइयों से!!

साथ चलता ये मेरा ही तो साया है!
जो पुकारे है दिल की गहराइयों से!!

साज छेड़ो तार कोई झनझनाया!
राग सोया जागता शहनाइयों से!!

प्यार का  दीवाना एक सिर्फ मैं ही !
ये जहां सारा भरा हरजाइयों से!!

गीत जो गाये तुमने और मैने यहाँ! 
गूँज रहेंगे  वे तराने वादियों से!!... ''तनु''

Thursday, June 25, 2020

दोहा दोही

दोहा दोही छंद में, भ्राता भगिनी जान!
ही ही बहिना हँस रही , हा हा भाईजान !!

पंद्रह मात्रा विषम में, ग्यारह सम में जान!
यह ही दोही की रही, उत्तम सी पहचान !!,,, 'तनु'

Tuesday, June 23, 2020

भूखी हैं सारी बस्तियाँ बंजर में सैलाब है !

भूखी हैं सारी बस्तियाँ बंजर में सैलाब है !
फाकों की फ़िक्र और टूटते से ख़्वाब हैं !!

झरती है सारी पत्तियाँ,उदास तितलियाँ !
शाखों की फ़िक्र और सूखते से आब हैं !!

भूखे नंगों की भीड़ कई बेसहारा लोग !
लाखों की फ़िक्र और पापी से सवाब हैं !!

पूरे हुए न वादे रही अधूरी ख्वाहिशें !
बातों की फ़िक्र और उलझे से जवाब हैं !!

सामना होते 'तनु' मुँह तो मोड़ लेंगे वो !
वादों की फ़िक्र और न हमसे आदाब है !!... ''तनु''

Monday, June 15, 2020

मुंतज़िर हैं मेरी आँखें तू मेरा ख्याल है !

मुंतज़िर हैं मेरी आँखें तू मेरा ख्याल है !
नज़रिया न बदले, दिल, नज़रें,निहाल है !!

दरअसल क़यामत तुझ से तुझ से अज़ल !
छीने इश्क ने होशो-हवास क्या बवाल है !!

शेरो - सुखन सारे चमन में गुलों की खातिर !
देखिये गुलाबों पर ही क्यों बिखरा गुलाल है !!

की सादगी से हल्का जहां में कुछ भी नहीं !
जहां और जहां से आगे भी मेरी मिसाल है !!

चेहरे पर मुस्काने चस्पा हुई हर दम हैं !
''तनु'' ग़मगीं न हो कोई सवाल हर हाल है !!... ''तनु''






Saturday, June 13, 2020

दुश्वारियाँ चहुँ दिश हैं,

दुश्वारियाँ चहुँ दिश हैं, खो गये ज्योति पुंज !
सारे मिलकर ढूँढते, मोहन कुञ्ज निकुंज,
मोहन कुञ्ज निकुंज, निपटे नहीं हैं मसले !!
दिखते हैं हम लुंज, नित ही झाँकते बगलें , ,,
खोये है सोपान, दिखती हैं मजबूरियाँ !
राह नहीं आसान, चहुँ दिश हैं दुश्वारियाँ !! ... ''तनु''

शब्दों का अवसान हुआ है,

शब्दों का अवसान हुआ है, भाव अभी तक सुप्त रहे!
लेखनिका मुँह फेर रही है,   कोरे काग़ज़ लुप्त रहे!!
अवसान हुआ, आविर्भाव हो, अंत खत्म,हो  उद्भव हो, ,,
माँ तेरा साधक लब्धप्रतिष्ठ,  फिर शब्द क्यों गुप्त रहे!!..... ''तनु'' 

Friday, June 12, 2020

जा फँसा मेरा सफीना,

जा फँसा मेरा सफीना, भावनाओं के भंवर में!
घर मेरा रहा नगीना ,    जिंदगी तेरे सफर में!!
कायदा भूला नहीं मैं, मिला सुकून ईमान से, ,,
यूँ हुआ मैं भी मदीना, इंसानियत की डगर में!!... ''तनु''

दोराहे पर खड़ा हुआ हूँ ,

दोराहे पर खड़ा हुआ हूँ, इत ये कुँआ उधर है खाई !
बेमतलब ही खींचातानी, तल है साफ़ किनारे काई !!
करें फैसला सोच समझ कर, आगा पीछा सोच लीजिये , ,,
परबत पीछे राई छुपती, और कभी परबत है राई !!... ''तनु''

चिंतन टूटा मनवा खोया,

चिंतन टूटा मनवा खोया, भटक गयी हैं राह !
यादों के गहरे सागर की, कितनी गहरी थाह ?
कभी रुदन कभी हँसी मिलती, कभी मौन संसार, ,,
कितना सोचूँ कितना भूलूँ , कोई जाने चाह ! .... ''तनु''

छोटा बड़ा नहीं है कोई,

छोटा बड़ा नहीं है कोई, खाई गहरी पाटो !
सुधामयी रसधार पिलाओ, नहीं गरल को बाँटो !!
सदा यहाँ पर फूल न मिलते, काँटे भी अपना लो, ,,
जीवन को हर पल है जीना, नहीं समय को काटो !!... ''तनु''

Tuesday, June 9, 2020

महक गया गुलशन खिलती हुई कलियों से !

महक गया गुलशन खिलती हुई कलियों से ! लो सज गयी बगिया रंगीन तितलियों से!!
पड़दादी की गोद और किलकती पड़पोती, ,,
एहसास को छुआ हमने मन की उंगलियों से ! .. ''तनु''

धूप बिखरा के तमाम कैसा इम्तहाँ तेरा

धूप बिखरा के तमाम कैसा इम्तहाँ तेरा !
के बसर कठिन पर यही है गर फ़त्वा तेरा!!

मौजें दरिया छीनी  और उम्र-ए -रवानी भी !
ना तोड़ किसी को रह पाए भी जलवा तेरा!!

बेदर्द क्यों सारे हुए बेदाग़ ही थे अच्छे!
कद्रदां था तू ही और था हर नौजवां तेरा!!

सबकी खुशियाँ लेकर खुशी मनाना न था!
इतना बेफिक्र क्यों हुआ  ये हमनवा तेरा!!

सिफ़र से अरबों, अरबों से सिफ़र और धुँआ!
तू है या के नहीं,  यूँ ही होता गुमाँ तेरा!!

ताल कोई तेरी, नाच नचा ले ऊपर वाले!
तीन ताल, झपताल, रूपक हो कहरवा तेरा!!

जो दिया हँस के मंजूर करता ही गया दिल!
रहा ऐसा इम्तहाँ  तेरा दर्द ही दवा तेरा!!

कोई 'तनु'  पूछे तो कह दूँगा तू अदीब मेरा !  
जैसा हूँ तेरा हूँ, मैं तेरा और ये जहां तेरा!!..''तनु''


Monday, June 8, 2020

मंदिर मंदिर अब भी आना

मंदिर मंदिर अब भी आना
पलकें खोलूँ तब भी आना
आज खुलेंगे तेरे दर जब
आँखें मुंदूँ तब भी आना

ख़ुद को खोना भूल गया हूँ
ख़ुद को पाना भूल गया हूँ
साँसें ही जब खोयी पायी
तुझको जपना भूल गया हूँ
गरम धरा उबले सागर पर
पावन सा बन जब भी आना
पलकें खोलूँ तब भी आना
आँखें मुंदूँ तब भी आना .. मंदिर मंदिर अब भी आना

शाम सवेरे दीप जलालूँ

तेरी ही तो राह निहारूँ
आशा मेरी तू आयेगा
छलिया कान्हा तुझे बुला लूँ
लेकर वंशी की तानें तू
यमुना तट पर जब भी आना
पलकें खोलूँ तब भी आना
आँखें मुंदूँ तब भी आना.. मंदिर मंदिर अब भी आना

लाल गुहर ना लगे अनूठे

पता नहीं तू कब तक रूठे
जान गया सारा जहान है
दुनिया के सुख दुख हैं झूठे
मेरी नैया पार लगा दो
शरणागत हूँ जब भी आना
पलकें खोलूँ तब भी आना
आँखें मुंदूँ तब भी आना .. मंदिर मंदिर अब भी आना ... 'तनु'


Saturday, June 6, 2020

तू हमारा,


तू हमारा, हम तेरे हमसे रिश्ता भगवन मत तोड़ !!
परेशाँ हैं हम अपनी इनायत रख नयन मत मोड़!!
कभी की हों गलतियाँ तो भुला दे ऐ ऊपर वाले , ,,
मेरे मालिक तू अपनी मुहब्बत का चलन मत छोड़ !! ... ''तनु''

Friday, June 5, 2020

कुदरत से इंसान है

कुदरत से इंसान है , मत करो खिलवाड़ !
हरियाली नाहीं उगे, सीमेंट के पहाड़ !!

कुदरत की तासीर को , समझ अरे इंसान !
हरियाली है जब तलक , खिले रहे उद्यान !!

जलवायु प्रदूषित है, सूखे कुंँए तालाब !
शुद्ध हवा पानी बिना, कैसे पूरे ख्वाब !!

जंगल विटप उजाड़ के, उपजता घना क्लेश !
बच ही पाएँ फिर कहीं, मानव के अवशेष !!

मानव तेरी गलतियाँ , धरती धारे धीर !!
ज्यों ज्यों प्रदूषण बढ़ता, बढ़ती जाती पीर!! ... 'तनु'


Wednesday, June 3, 2020

खोज कर के पलाश को,

खोज कर के पलाश को, पाये फागुन रंग!
मन सावन सा झूमता, आज पिया के संग!!

चाहे हों दिन चार ही, पाय पिया का संग!
हर दिन तू होली मना,  रंग पिया के रंग!!

लाल पलाश को खोजता,  बेलगाम मन दौड़!
संसार  के ऋतु चक्र को,चाह सके ना मोड़!!

पाँखुरि देख पलाश की, मनवा उठी हिलोर
मन सावन सा झूमता, बागों नाचे मोर

मन पलाश की पाँखरी, भाव बहकते चोर
रंग बिना जीवन नहीं, ज्यों सावन बिन मोर... ''तनु''

अब आस नहीं कोई संत मिले,

अब आस नहीं कोई संत मिले,
विश्वास नहीं कोई कंत मिले !

अंगार लिए जीवन बगिया,
फिर नहीं कोई बसंत मिले !

मधुमय अभिलाषा की क्यारी में,
सुमन सलोने ना कभी खिले !

मुस्कान खो गयी अधरों की
कभी जीत सदा दिगंत मिले !.. ''तनु''



Tuesday, June 2, 2020

काश !


जो था खोया  काश मिलता !
रिसता जख़म काश सिलता !!

तन सुलगता ख़ूं उबलता  !
दिल अंगार  काश उगलता   !!

तकते तकते आँखें  पत्थर  
पथ से वो काश निकलता !!

कैसे ख्वाब बुने जिंदगी !
सपनें में वो काश मचलता !!

हसरतें घुटती रहीं जी की!
बेक़ाबू मन काश फिसलता !!

होंठ चुप से लरजते रहे !
कुछ जुबाँ से काश निकलता !!

आँख समझी ना आँसू देखे!
वो सितमगर काश पिघलता !!

गहरे सागर सा मन मेरा !
फिर ''तनु'' काश उछलता !!.... ''तनु''

जो था खोया मिला ही नहीं


जो था खोया मिला ही नहीं !
रिसता जख़म सिला ही नहीं!!

सुलगे तन या के ख़ूं उबले!
दिल अंगार उगला ही नहीं!!

राह तकते उम्मीद टूटी!
रास्ते से वो निकला ही नहीं !!

ख्वाब बुनती रही जिंदगी !
सपन बिखर सम्भला ही नहीं !!

हसरतें घुटती रहीं जी की!
बेक़ाबू मन फिसला ही नहीं!!

होंठ चुप चुप लरजते रहे!
कुछ जुबाँ से निकला ही नहीं!!

आँख समझी ना आँसू देखे!
वो सितमगर पिघला ही नहीं!!

है समंदर सा मन मेरा !
गहरा ''तनु'' उथला ही नहीं !!.... ''तनु''