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Thursday, June 25, 2020

दोहा दोही

दोहा दोही छंद में, भ्राता भगिनी जान!
ही ही बहिना हँस रही , हा हा भाईजान !!

पंद्रह मात्रा विषम में, ग्यारह सम में जान!
यह ही दोही की रही, उत्तम सी पहचान !!,,, 'तनु'

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