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Wednesday, June 3, 2020

खोज कर के पलाश को,

खोज कर के पलाश को, पाये फागुन रंग!
मन सावन सा झूमता, आज पिया के संग!!

चाहे हों दिन चार ही, पाय पिया का संग!
हर दिन तू होली मना,  रंग पिया के रंग!!

लाल पलाश को खोजता,  बेलगाम मन दौड़!
संसार  के ऋतु चक्र को,चाह सके ना मोड़!!

पाँखुरि देख पलाश की, मनवा उठी हिलोर
मन सावन सा झूमता, बागों नाचे मोर

मन पलाश की पाँखरी, भाव बहकते चोर
रंग बिना जीवन नहीं, ज्यों सावन बिन मोर... ''तनु''

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