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Sunday, June 1, 2014

रे पातक !!! तूने कली संग डार ही तोड़ दी ,
जो निहारती  पुष्प को वो आँख ही फोड़ दी !
अब क्या निर्जन में बहारें लाएगा ???
जीवन से मरण की ओर  राह तूने मोड़ दी !!तनुजा ''तनु ''

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