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Monday, June 9, 2014

आँखों में समा कर दिल में जो उतरे हो ,
सारा जहाँ कहता है कि तुम  ही मेरे हो !
बंधन तोड़ जहाँ के मैं तुम्हारी हुई हूँ ,
मेरे ही तुम हो, तुम मेरे हो, तुम ही मेरे हो !!

फूलों में निशिगंधा की  महक तुम हो,
दिन का उजाला , चाँदनी की चमक हो !
सांस सांस से सींचा जीवन हो तुम ,
जीवन की सांस तुम्ही हो तुम ही मेरे हो !!

मैं कोमल प्रेम वल्लरी मैं प्राण हूँ तुम गात हो ,
मैं सांध्य गीत तुम दिनकर मीत तुम प्रात हो  !
प्रात - गात , मीत - गीत , प्रेम वल्लरी प्राण ,
तुम मेरे हो ,  अंतरतर हो , तुम ही वर हो !!तनुजा ''तनु''



    



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