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Wednesday, June 25, 2014

मुक्तक छंदों की  गणित में कभी भाव हैं खो जाते ,
कहना है ? कहना क्या है ?  नए सृजन हैं हो जाते !
तेज़ धार के, शब्द  कटाक्ष  के.…खुल जाते  प्रबंध ,
कवि ह्रदय से कवि ह्रदय मिल नयनन हैं  रो जाते !!''तनु ''

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