मुक्तक छंदों की गणित में कभी भाव हैं खो जाते ,
कहना है ? कहना क्या है ? नए सृजन हैं हो जाते !
तेज़ धार के, शब्द कटाक्ष के.…खुल जाते प्रबंध ,
कवि ह्रदय से कवि ह्रदय मिल नयनन हैं रो जाते !!''तनु ''
कहना है ? कहना क्या है ? नए सृजन हैं हो जाते !
तेज़ धार के, शब्द कटाक्ष के.…खुल जाते प्रबंध ,
कवि ह्रदय से कवि ह्रदय मिल नयनन हैं रो जाते !!''तनु ''
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