अपने सपने , अपने ही... सपने हैं ,
खपने हैं कर्म के पथ पर खपने हैं ,
स्वेद से ठंडे हुए भाल को छू कर चल ,
दिन जपते जपते रात को तपने हैं !!!''तनु ''
खपने हैं कर्म के पथ पर खपने हैं ,
स्वेद से ठंडे हुए भाल को छू कर चल ,
दिन जपते जपते रात को तपने हैं !!!''तनु ''
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