कैसे गज़ब हो शिल्पकार ,
सुन्दर भावों के सृजनहार !
परिष्कृत प्यारे मनोभाव हैं,
गीत प्यारा मधुर उपहार!
नम नयनों में पूनम आनन
दिल को भाया ये संयोजन......
रहो ''अशोक ''संग अशोक
मान इसे पावन निरांजन.......... ''तनु ''
सुन्दर भावों के सृजनहार !
परिष्कृत प्यारे मनोभाव हैं,
गीत प्यारा मधुर उपहार!
नम नयनों में पूनम आनन
दिल को भाया ये संयोजन......
रहो ''अशोक ''संग अशोक
मान इसे पावन निरांजन.......... ''तनु ''
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