रे पातक !!! तूने कली संग डार ही तोड़ दी ,
जो निहारती सुमन को वो आँख ही फोड़ दी !
आंधियों को न्यौता तूने स्वयं दे डाला है
जीवन से मरण की ओर राहें ही मोड़ दी !!तनुजा ''तनु ''
जो निहारती सुमन को वो आँख ही फोड़ दी !
आंधियों को न्यौता तूने स्वयं दे डाला है
जीवन से मरण की ओर राहें ही मोड़ दी !!तनुजा ''तनु ''
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