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Friday, October 13, 2017

एक मोती ....सुआ ही रहा





तोड़ नहीं पाया धुआँ धुँए को, धुँआ ही रहा;
समंदर का दर्द कुआँ नहीं समझा कुआँ ही रहा!
था कितना पढ़ाया उसको नहीं समझा कुछ भी, ,,,
तोता रटता ही गया सुआ था सुआ ही रहा!!... ''तनु ''

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