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Monday, October 9, 2017

टूट कर अब तो बाकी है बिखरना,






टूट कर अब तो बाकी है बिखरना, 

साँस का हर साँस से है सिहरना !!

गिर पडूँ तो  हौसला लाऊँ कहाँ से ,
जिंदगी में किरचों पर है थिरकना !!

झूठ के धुएँ की धूनी रमती गयी ,
 झूठ से क्या कभी होता है निखरना !!... ''तनु ''

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