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Wednesday, October 11, 2017

तीर खंज़र चुभा नहीं होता ;







तीर खंज़र   चुभा नहीं होता ;
जैसे हमको गुमां नहीं होता !!

आग शह्र में लगी अपने देखो;
जलता जो संभला नहीं होता !!

आप कुछ बोलते तो अच्छा था ;
दोष हमीं पर लगा नहीं होता !!

कोई तहरीर ही छोड़ देते ;
मुक़द्दर में कुछ लिखा नहीं होता !!

टूटता कैसे गुरुर सागर का ;
जो किनारा मिला नहीं होता !!

मोड़ ही मोड़ हैं चलता जाऊँ; 
यूँ सफर तमाम हुआ नहीं होता !!...''तनु ''





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