तीर खंज़र चुभा नहीं होता ;
जैसे हमको गुमां नहीं होता !!
आग शह्र में लगी अपने देखो;
जलता जो संभला नहीं होता !!
आप कुछ बोलते तो अच्छा था ;
दोष हमीं पर लगा नहीं होता !!
कोई तहरीर ही छोड़ देते ;
मुक़द्दर में कुछ लिखा नहीं होता !!
टूटता कैसे गुरुर सागर का ;
जो किनारा मिला नहीं होता !!
मोड़ ही मोड़ हैं चलता जाऊँ;
यूँ सफर तमाम हुआ नहीं होता !!...''तनु ''
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