हमारे दिल की जो न समझा दिल की अपनी सुना रहा है ;
कभी जिंदगी का बना सहारा वो अभी हमारा कहाँ रहा है !
कभी तलाशता चाँदनी को कभी बहारों से बात करता ,,
परछाइयों के शहर बनाकर ,, वो चराग़ झूठे जला रहा है !
ख्याल कितने किसे खबर है, सभी दायरे अब टूटते हैं ;
बुतों की दुनिया जहां पराया सायो के पैकर बना रहा है !!... ''तनु ''
ख्याल कितने किसे खबर है, सभी दायरे अब टूटते हैं ;
बुतों की दुनिया जहां पराया सायो के पैकर बना रहा है !!... ''तनु ''
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