Labels

Friday, October 6, 2017

जरुरी है क्या





आह भरना जरुरी है क्या अब ?  
 ज़िन्दगी ने तुम्हें दे ही दिया सब 

 चाहतें पूरी हुई बिना माँगे ;
 रौशन हो गया है दीया जब !  

बे-सुतूँ  घर कहाँ रहा तुम्हारा ??
 दे यहाँ मुकाम बना है ठीया रब , ,,

 पैबन्दों से जुदा हुए पैरहन ;
 थेगलों को सभी है सीया तब !

 बोल दो ''तनु''  नवाज़िश शुक्रिया ;
 तुम नहीं ,  जी उसी का है किया सब !! .... ''तनु ''

No comments:

Post a Comment