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Sunday, October 8, 2017

मैं ही मैं रहूँ खुदा है ज़िया अब !




आह भरना जरुरी है क्या अब ? 
 मैं ही मैं रहूँ खुदा है ज़िया अब !

 चाहतें माँगे  बिना हुई पूरी;
 रौशनी है जल गया दीया जब!

बे-सुतूँ  घर कहाँ रहा तुम्हारा ;
 दे यहाँ मुकाम बना है ठीया रब !

 पैरहन से जुदा हुए पैबंद ;
 थेगलों को सभी है सीया तब !

 बोल दीजिये नवाज़िश शुक्रिया ;
 तुम नहीं , जी उसी का है किया सब !

एक भी मिसरा लिखा नहीं मेरा ;
प्यार लिखकर इश्क है जिया अब !... ''तनु ''

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