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Monday, October 2, 2017

एक मोती ,,,परछाई ;



हम तुम साथ रहे थे ऐसे,  जैसे हो परछाई ;
कहाँ गुम हुई इन नयनों की, सागर सी गहराई !
मीत प्रीत बिन दिल की धड़कन,  जैसे खोने को है , ,,,
आ जाओ अब रूठ गयी है , जीवन की शहनाई !!... ''तनु ''

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