आह !!! -- के हवाएँ बदनाम हो गयी ;
बचो ---बचाओ सदाएँ आम हो गयी !
सुनहरी शाम--- बला ए शाम हो गयी !
शब में तीर---सहर उठी खंज़र लिए ;
साया बिन दिन ----जलाये घाम हो गयी !
रहबर के भेस में घूमते रहजन ;
लुटा माल दुश्मन ये चाम हो गयी !
पयंबरों के होते आलम तबाही का ;
कैसी जिंदगी बेआ' राम हो गयी !
चुप रहने वाला बेचारगी में मरता ;
दुनिया एक को मारे लाम हो गयी !.. ''तनु ''
शब में तीर---सहर उठी खंज़र लिए ;
साया बिन दिन ----जलाये घाम हो गयी !
रहबर के भेस में घूमते रहजन ;
लुटा माल दुश्मन ये चाम हो गयी !
पयंबरों के होते आलम तबाही का ;
कैसी जिंदगी बेआ' राम हो गयी !
चुप रहने वाला बेचारगी में मरता ;
दुनिया एक को मारे लाम हो गयी !.. ''तनु ''
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