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Thursday, July 16, 2015

चाँद और साँझ 


उतरती साँझ  देखे  न गलियाँ आँगन न चौबारा ; 
खिलौना ढूँढ चाँद रही चमकीला चमकन वारा !
''खिलौना चाँद'' ढूँढन की ख़ुशी में भटकी दर बदर, ,,,
उतरती जा रही पल पल मंदिर मस्जिद गुरु द्वारा !!!  

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