आओ बदरा !!!
मन मैला है मेघ का, उपजा मन की प्यास,
बरसे बिन क्यों जा रहे, लगा नीर की आस !
लगा नीर की आस. पुकारे वन हरियाली;
तोड़ो अब उपवास, पुकारे चातक डाली!!
गोरी देखे राह, सजना के सन्देश का ;
मीठी है चाह पर, मन मैला है मेघ का…
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