साँझ और सवेरा
चली साँझ अपनी झोली में ले, सारे दिन के तम ;
लिए दुःख दर्द झोली में सबके, सारे दिल के ग़म !
उलट सारे दर्दों को सुबह खुशियाँ लेकर' आएगी , ,,
नए सूरज संग भागे सबके, सारे दिल के ग़म !!!
चली साँझ अपनी झोली में ले, सारे दिन के तम ;
लिए दुःख दर्द झोली में सबके, सारे दिल के ग़म !
उलट सारे दर्दों को सुबह खुशियाँ लेकर' आएगी , ,,
नए सूरज संग भागे सबके, सारे दिल के ग़म !!!
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