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Friday, July 17, 2015




                             १ 


क्यों जलाती चली हवा देखो 

शाम ही से दुआ दवा देखो !!


दिल जलाया अभी अभी उसने ;

सांस ही से रवा दवा देखो !!


रंग फूलों सा  ''संग'' ले चले ;

उलझन में रहा बागबा देखो !!


शाख फूलों भरी कहाँ ज़ख़्मी ;

खार सब ही हुए महरबा देखो !!


शाम ढलती रही बिना उसके ;

आज ऐसा सितम सहा देखो !!


क्यों धुँआ दे रहे जिस्म जां भी ;

आतिश है रग रग में रवा देखो !!


कौन चला ये अभी अभी आगे ;


ज़िंद खोकर रहा जवा देखो !!..... ''तनु ''


                              २ 

शाम ही से हुआ ख़फ़ा देखो ;

शाम ही से दुआ शफ़ा देखो !!

शाम ढलती रही बिना उसके ;

रात ऐसी कि खाली सफ़ा देखो !!

की बुलाता नहीं रूठा ऐसा ;

एक बार नहीं कई दफा देखो !! 


वो मुसाफिर कभी नहीं मेरा ;

हार मेरी, मिली जफ़ा देखो !!


जो तिज़ारत के लिए निकला था ;

देखता था अपना नफा देखो !!...


वो लुटेरा ''तनु ''लूट सब गया ;

कोई लगती नहीं दफ़ा  देखो !!..... ''तनु ''


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