दुनिया
बनें हैं काबिल तभी तो उठाये नाज़ ये दुनिया ;
वरन नाकाबिल अनेक ठुकराये आज ये दुनिया !
मदमस्त हूँ खुमारी है, ग़ुम हुआ मैं तरन्नुम में ;
लर्जिशे यूँ सबा ने पाईं, बजाये साज ये दुनिया !
मस्जिद झुकी,कलीसा मंदिर झुक गए मिरेआगे ;
बना हमको आफताब' पहनाये ताज ये दुनिया !
फटे में टाँग अटकाती जले पर नमक छिड़काती ;
हमेशा राज़ रहती बहुत नखरेबाज ये दुनिया !
चली साथ सबके ये दिखकर दिखाई नहीं देती ;
सयानी हो गयी मासूम उम्रदराज' ये दुनिया !
सदा दे कर नहीं सुनती सुनकर सदा नहीं देती;
बहुत शोर करती है, बड़ी बे- आवाज ये दुनिया !
बनें हैं काबिल तभी तो उठाये नाज़ ये दुनिया ;
वरन नाकाबिल अनेक ठुकराये आज ये दुनिया !
मदमस्त हूँ खुमारी है, ग़ुम हुआ मैं तरन्नुम में ;
लर्जिशे यूँ सबा ने पाईं, बजाये साज ये दुनिया !
मस्जिद झुकी,कलीसा मंदिर झुक गए मिरेआगे ;
बना हमको आफताब' पहनाये ताज ये दुनिया !
फटे में टाँग अटकाती जले पर नमक छिड़काती ;
हमेशा राज़ रहती बहुत नखरेबाज ये दुनिया !
चली साथ सबके ये दिखकर दिखाई नहीं देती ;
सयानी हो गयी मासूम उम्रदराज' ये दुनिया !
सदा दे कर नहीं सुनती सुनकर सदा नहीं देती;
बहुत शोर करती है, बड़ी बे- आवाज ये दुनिया !
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