रुई हरीखा वादळा फर फर उड़ो थें मटक्या मटक्या !
थाएँ चुरई माटी से बूंदां भारी हुया अटक्या भटक्या !!
तन रा काला थें मतवाला थें जग रा पालन हारा हो , ,,,,
वरसई भी दो जो लाया क्यों दिखाओ लटक्या झटक्या !!! .....
थाएँ चुरई माटी से बूंदां भारी हुया अटक्या भटक्या !!
तन रा काला थें मतवाला थें जग रा पालन हारा हो , ,,,,
वरसई भी दो जो लाया क्यों दिखाओ लटक्या झटक्या !!! .....
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