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Wednesday, July 15, 2015

रुई हरीखा वादळा फर फर उड़ो थें मटक्या मटक्या !
थाएँ चुरई माटी से  बूंदां  भारी हुया अटक्या भटक्या !!
तन रा काला थें मतवाला थें जग रा पालन हारा हो , ,,,,
वरसई भी दो जो लाया क्यों दिखाओ लटक्या झटक्या !!! .....

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