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Tuesday, March 29, 2016

तन्हा  दिल 


ये वक्त है जो बदलने की कसम खाये हुए ;
हाथ में  खंज़र नाम पूछ मुस्कुराये हुए  !
ये हवाओं की बेरुखी !!!  ये तूफान दिल का 
बियाबाँ ही यहाँ बियाबाँ नज़र आये हुए !!..तनुजा ''तनु ''

Sunday, March 27, 2016



 रंगमंच 


  कलाकार सभी बनते,  रंगमंच आधार ;
  कई इकाइयाँ सजती,  कई हैं व्यवहार !
  कई हैं व्यवहार,  सजती मंच फुलवारी ;
  भाँति भाँति के फूल भूमिका बारी बारी !!
  शिक्षण हो रहा खूब, सीखे सुन्दर आचार !  
  मुकददर जिनके हाथ, बनते हैं कलाकार !!.... तनुजा ''तनु ''     











मन मैला है


मन मैला है मेघ का .... उपजा मन की आस ; 
क्यों छाए बरसे बिना,    लगी नीर की प्यास ! 
लगी नीर की प्यास,   तुम हमें क्यों गए भूल 
बादल का आभास,        सूखी डाल बनी शूल !!
निमंत्रण भेज धरा   अपलक निहारती गगन  
कब बरसोगे बदरा        कितना है मैला मन ??     

Saturday, March 26, 2016



तिरंगे को नमन 

देश प्रेमी हूँ  तिरंगे को नमन मैं तो करूँगा ;
नीयत बुरी बे इत्तिफाकी को शमन मैं तो करूँगा !
तीन रंगों में सजा है देश प्रेम का पाठ पहला , ,,,
बे इंसाफ , गलत बातों को दमन मैं तो करूँगा !!... तनुजा ''तनु ''

कुदरत के हाथ में सब है
कुदरत के साथ में सब है
करना न खिलाफत तुम
कुदरत की बात में दम है

Friday, March 25, 2016



उड़ाकर रंग मुट्ठी का न दिल से  बाँध लेना तुम,
बड़ी मोहक अदाएं  हैं  नज़र से बाँच  लेना तुम ,
हरा  रंग, दिल हारा सा, हरियाया सा कहीं जाता !!!
नहीं रूठा, नहीं झूठा, मुझ' ही से साँच लेना तुम !  ....तनुजा ''तनु ''

Tuesday, March 22, 2016

चल होली खेलें यार ,

चल होली खेलें यार ,
चल ख्वाब रंगें इस बार !

मदमाती मस्ती इधर उधर ,
मन मयूर नाचे खिलकर !
उड़े गुलाल जब चले बयार ,
खुशी  ही जीवन आधार
चल ख्वाब रंगें इस बार  .!!.......... चल होली

रिश्तों को सरसाये हम ,
पिछले ग़म भुलाएं हम !
हैं जीवन के दिन चार ,
गम की बातें हैं बेकार 
चल ख्वाब रंगें इस बार  !!………चल होली

मीठी गुझिया से मीठे सपने ,
लगे आम बौराते सपने !
रंग रंगीला ये त्यौहार ,
थोड़े छींटे और बौछार
चल ख्वाब रंगें इस बार  !! ……  चल होली

तेरे चेहरे पर रंगू गुलाल ,
मैं दूर करूँ तेरा मलाल !
मैं सजा दूँ तेरा संसार,
जीवन में आये बहार
चल ख्वाब रंगें इस बार !!  ……  चल होली

जीवन बहारों सा सजा रहे ,
भीनी फुहारों से भीगा रहे !
तू गा फाग तू गा मल्हार,
पड़े कभी ना गम की मार
चल ख्वाब रंगें इस बार !! .......... चल होली  ....... तनुजा ''तनु'' 





एफ बी, ,,,,, 


आभासी ये मीत है , झूठा इसका रंग ;
झूठे गाये गीत है ,  कैसा इसका संग !
कैसा इसका संग ,  उड़े बिना पंख यूसर ;
रह जाए सब दंग,   धान सरसाये ऊसर !
बसा सबके मन में, फिर भी बना प्रवासी ;
घने इसके दोस्त,     मीत है ये आभासी !!..... तनुजा ''तनु ''



होली है !!!




कागज पर स्याही से खेली ;
कवि ने भावों की होली !

सरसता पीला रंग फेरा ;
स्नेह ने सजाया डेरा !
कुसुम कुसुम से रंग चुराकर,
फाग ने लगाया फेरा !!
करता विनती हाथ जोड़कर ,
खेल मत बारूद गोली !!
कागज पर स्याही से खेली 
कवि ने भावों की होली ...... 

आसमान लेकर कविता में ; 
नीला गगन दिखाया है !   
ज्ञान दीपक जलाकर जग में ,
उजियारा फैलाया है !!
तज कर रस काव्य की गुझिया 
कौन खाए ये निबोली !!
कागज पर स्याही से खेली 
कवि ने भावों की होली ..... 

इंद्रधनुषी रंग रचाकर ;

नगर बसा सौहार्द्र का !
मानवता के संग चला वो ,
ले बीड़ा सेवार्थ सा !!
भावो की मदिरा छलकाकर , 
खेले मन मानस होली !!
कागज पर स्याही से खेली 
कवि ने भावों की होली .... 

द्वेष कलुष को जगह नहीं है ;
होली का मान यही है , 
ढप बाजे और फाग गायें !
होली का गान यही है !! 
मन की मस्ती में इतराये ,
नाचे मस्तों की टोली !!
कागज पर स्याही से खेली 
कवि ने भावों की होली ..... तनुजा ''तनु ''





Saturday, March 19, 2016


चरकली खोवाणी 



आँगणा  री चरकली खोवाणी; 
वा म्हारी चिड़िया राणी, ,,, 
अठे  फुदकती वा वठे फुदकी !
घणी थी वणि की मनमानी !!
वा म्हारी  चिड़िया राणी ,,,,,
आँगणा  री चरकली खोवाणी 


चारूं मेर विखरया रे टनकला ;
फोटु रा पाछे नन्ना चरकला, ,,,
दाना विणी ने लाती नानकडा !
इन खवाड़े वीने खवाड़े,
असी जसी गुड री धाणी , ,,,,
वा म्हारी चिड़िया राणी .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 


बड़ा बड़ा आँगणा ने नाना मोटा रुंख ; 
आम्बा फूल्या मोर ने कोयल री कूक, ,,, 
सुणी  रे परबाती, कोदों कुटकी री चुँख ! 
भूली भूली ने आवै वा आरसी री टुंक !!
भुर्र से उड़े ने भुर्र से आवै , ,,
कठा से लावे दाणा पाणी ,
वा म्हारी चिड़िया राणी .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 


छोटा छज्जा ने नानिक सी धूप ;
कसो विग्ड्यो रहन सहन रो रूप , ,,
चरकली खोयी ने नरा पंछी खोया ;
धीरे धीरे म्हाये कडुचा बीजा बोया!
लीमड़ा री डाल पे आम्बा नी लागे , ,,
बखत तो रुके नी आगे आगे भागे !
आवतां बखत में जावती कहाणी
वा म्हारी चिड़िया राणी।।। .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 
तनुजा ''तनु ''
  



Friday, March 18, 2016

झरना  
जमीं का वजूद चीर कर गुज़रा ;
खनखनाते  गाते हुए गुजरा !
हद्द-ए -गिरफ्त-ए-ख्याल से परे , ,,, 
आबशार हूँ फलक से बख़्त ले गुज़रा !!..तनुजा ''तनु ''

झरना  
साधक मीत अचल खड़ा,  करे नहीं उत्पात ; 
निर्झर गीत मधुर बड़ा ,   मीठी करता बात !
आसक्त, विरक्त, जुड़ता, वर्तमान,कल, साथ , ,,,
प्रेम सिंधु मय स्नाता ,     भीगा भीगा आज  !!...तनुजा ''तनु ''

 आबशार , ,,

   अब्तर हुआ बशर, अश्क बहते नहीं आबशार से ;
   ढाता जुल्म, करता  गुनाह, छूटा हर इकरार से !
   सैल-ए-खुराफात में झूठा रोना रोती  रहीं आँखें , ,,,
   प्यार से मानता नहीं, कोई नाता नहीं बहार से !!...तनुजा ''तनु ''


आबशार 


जर्रों के अजदहाम में, आबशार भी हैं ;
गुल अकेले तो न थे कभी, खार भी हैं ! 
खुश हो कर जी ले खुदा साथ है तेरे , ,,,,,
कुछ हिसार भी हैं कुछ असफ़ार भी हैं !!...तनुजा ''तनु ''

 जर्रों particles;
अजदहाम  sea of humanity;
हिसार   fort
असफ़ार  यात्राएं (सफ़र का बहुवचन), प्रवास,

झरना 


गति ले निर्झर झर रहा , गिरि में आई जान,
अंतर से बह फूटता ,  कल कल इसका गान !
चलते जाना कह रहा ,  धुन यही चरैवेति ;
सीख देता यह पथ में,  चलते रहो महान , ,,,,,तनुजा ''तनु '' 


झरना 


  सुखद सुरम्य रचाया तुमने, कण कण सृष्टि का !

  खेल  मधुरम दर्शाया तुमने,   पल पल दृष्टि का !!
  वर्षा से झर झर झरते शैल ,  प्रेम घट अमिय का , ,,,,
  झरने सा सरसाया तुमने ,     जीवन समष्टि का !! ,,,,,..तनुजा तनु 

Tuesday, March 15, 2016


बाजार से गुज़र कर खरीदार न बनिए ;
दुनिया दिखावा है नमूदार न बनिए !
दिल एक आइना जिसमें रहता प्यार है , ,,,
दिल में समाइये न !! इश्तहार न बनिए  !!,,....तनुजा ''तनु ''

Saturday, March 12, 2016

जिगर बंजारा 

मुझे निगाह में अब किसी का इंतज़ार नहीं ;
यकीं चाँद का नहीं चाँदनी का एतबार नहीं !
मेहनत मेरी रगों में है और बंजारे का जिगर
जानता हूँ राह में गुल ही होंगे खार नहीं !!...तनुजा ''तनु ''

शब्द बंजारे

शब्द बंजारे, जीवन छंद ढूँढे ;
सरोवर अब्ज, श्री हित निबंध ढूँढे ! 
साधक, सुर, ताल संग गीत को ले , ,, 
माँ शारदा प्रकृति में कंठ ढूँढे !!..तनुजा ''तनु ''

Friday, March 11, 2016

 मन बंजारा ,

  मुकद्दर से उलझता है मन बंजारा ;
  समंदर सा  उछलता है मन बंजारा ! 
  किसको  ढूँढता फिरता  घरौंदा  उसका ? 
  लो नयनों में मचलता है मन बंजारा , ,,,

वक्त बंजारा 

वक्त बंजारा उसको कहाँ रोके कोई ;
मनमानी करे उसको कहाँ टोके कोई !
कभी मिलकर बिछड़ने की बेला आई तो , ,,
देकर बिदाई हँसता वहाँ  रो  के कोई !!...तनुजा ''तनु '' 
चाँद बंजारा

तू तो बंजारा रहा है चाँद ;
सूरज सहारा रहा है चाँद !!
मुफलिसी में घट कर खोता क्यों ?
पूनम उजियारा रहा है चाँद !!....''तनु ''
 बंजारा 


मेरे इल्म ने दिया उजियाला मुझको ;
मेरे तजुर्बों ने सदा सम्हाला मुझको  ! 
चला कठिन डगर पर हूँ बंजारा यारों , ,,
मेरे गमों ने बनाया निराला मुझको !!. तनुजा ''तनु ''

मन  बंजारा 



मन मधुकर बंजारा सा उड़ता गली गली ;
कभी ले वैराग्य कभी बैठे कली कली !
राह बदलता, गिरा संभला चला अकेला , ,,,
कुछ सपने औ कुछ आशाएँ मनचली चली !!..... तनुजा ''तनु ''

Thursday, March 10, 2016


हारे को हरि  नाम 


मेरी श्रृद्धा विकलांग है, 
औ प्रथा झूठी !
वन्दना का झूठा स्वांग है ,
औ किस्मत रूठी!!

निष्प्राण देह है प्राण कहाँ ?

सर्जन खोया है;
ऋतु बसंत अनमोल सुदर्शन ,
मनवा सोया है!

श्रवण शक्ति कहाँ गुम हो गई ?
कौ चुपड़े बूटी ?  
सोन चिरैया चिलवाँस रे  ,
औ आँखें फूटी  ----


कर टूटे और सम्यक कर्म ?
बंजर बोया है,  
बालू सरसों एक सा धर्म !
फिसलन गोया है , ,,,,

झूठे छद्म, वो गोलबंदी ;
को बीने खूंटी ?
ब्रह्म कमल की आशा क्योंकर ?
खो वीर बहूटी -----


जिव्हा गोपन संवादो में ;  
जहरी पोया है , ,
चेहरा कई शब्दों में गुम, ,, 
नीम भिगोया है ! 

जीवन  है मदमाता हाथी ;
ज्यों हारा च्यूँटी !  
मन उड़ता फिरे किलवाँक  रे 
औ टाँगे टूटी----,,,..तनुजा ''तनु ''






     
मेरी दादी , ,,,,,

     खाने के ना दिख रहे,     दादीजी के दाँत ,
     भोजन कब पचाएगी, अब दादी की आँत ?
     अब दादी की आँत, मुँह  बउ  - बऊ  है करता !
     शब्दों की है पोल ,       नेह  है फिर भी झरता !!
     ऐनक मोटी हाय   नहीं दादी पहचाने , ,,
     दालें खिचड़ी खाय दाँत बिन कैसे खाने ?.....  तनुजा ''तनु ''                               

Wednesday, March 9, 2016

योग की शरण जाइए  


देह कचनार की कली, व्याधियां हैं अपार ;
बाहर दुश्मन हैं बली ,   पीड़ा अंतर मार !! 
पीड़ा अंतर मार !!  कैसे जान बचाइए ?
पड़िए मत बीमार , योग की शरण जाइए  
करना सरल उपाय     लें सदाचार की गेह                                                 
लेना इसे बचाय !   कचनार की कली देह

Tuesday, March 8, 2016

वसंत में , 

बसंत !!! उपवन में फूलों की आई बहार ;
देखो !!! पलाश का मित्र बना नन्हा कचनार !
देर सवेर !!! आयेगा  रूठा अमलतास भी  ,,
साजे !!! तन उसके वल्लरी, उलझी सी नार !!,,,,तनुजा ''तनु ''

Monday, March 7, 2016

बिटिया, ,,,

घर की रौनक रोशनी, मन की निर्मल चाह, 
गुड़िया, शक्ति, नीलपरी,   पाये सोची राह !
पाये सोची राह,    ढोंग समाज के तोड़े !
बन बुलंद आवाज , रूढ़ियों के मुँह मोड़े !!  
बदले जन की सोच ,  भारती के अवसर की !   
जुग जुग पाये मान , बिटिया रोशनी घर की !! ,,,,..तनुजा ''तनु ''    

Sunday, March 6, 2016

 शिव विवाह !!

मुकुट जटाओं का सजा, सुख बरसे चहुंओर ! 
कुण्डल कंकण सांप के,  सांपों का सिर मौर !!
सांपों का सिर मौर,  डमरू त्रिशूल साजे ,
चले हिमावन ठौर,  मंगल बाजने बाजे !
उमा संग हैं नाथ,  ब्याह का उत्तम भृकुट !
श्रृंगी भृंगी साथ,  जटाओं का सजा मुकुट !!,,,,तनुजा ''तनु'' 

मुकुट जटाओं का सजा, सुख बरसे चहुँओर ! 
कुण्डल कंकण साँप  के, साँपों  का सिर मौर !! 
साँपों  का सिर मौर,  कर डमरू त्रिशूल सजे ,
चले हिमावन ठौर,  सुमंगल बाजने बजे !
उमा संग हैं नाथ,  विवाह का उत्तम भकुट !
श्रृंगी भृंगी साथ,  जटाओं का सजा मुकुट !!,,,,तनुजा ''तनु'' 

Tuesday, March 1, 2016



कौन हो तुम ?

फूलों की डाली सी कोमल,  महकी पौन हो तुम !
इड़ा सी स्थिर, धरती सा धैर्य ,क्या औन हो तुम !!
भोली लहरें कह जाएँगी मन की बात किनारे से , ,,,
मानिनी मन की बात अधर धरे क्यों मौन हो तुम !! तनुजा ''तनु ''