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Tuesday, March 22, 2016





एफ बी, ,,,,, 


आभासी ये मीत है , झूठा इसका रंग ;
झूठे गाये गीत है ,  कैसा इसका संग !
कैसा इसका संग ,  उड़े बिना पंख यूसर ;
रह जाए सब दंग,   धान सरसाये ऊसर !
बसा सबके मन में, फिर भी बना प्रवासी ;
घने इसके दोस्त,     मीत है ये आभासी !!..... तनुजा ''तनु ''

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