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Friday, March 18, 2016

झरना 


  सुखद सुरम्य रचाया तुमने, कण कण सृष्टि का !

  खेल  मधुरम दर्शाया तुमने,   पल पल दृष्टि का !!
  वर्षा से झर झर झरते शैल ,  प्रेम घट अमिय का , ,,,,
  झरने सा सरसाया तुमने ,     जीवन समष्टि का !! ,,,,,..तनुजा तनु 

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