झरना
सुखद सुरम्य रचाया तुमने, कण कण सृष्टि का !
खेल मधुरम दर्शाया तुमने, पल पल दृष्टि का !!
वर्षा से झर झर झरते शैल , प्रेम घट अमिय का , ,,,,
झरने सा सरसाया तुमने , जीवन समष्टि का !! ,,,,,..तनुजा तनु
सुखद सुरम्य रचाया तुमने, कण कण सृष्टि का !
खेल मधुरम दर्शाया तुमने, पल पल दृष्टि का !!
वर्षा से झर झर झरते शैल , प्रेम घट अमिय का , ,,,,
झरने सा सरसाया तुमने , जीवन समष्टि का !! ,,,,,..तनुजा तनु
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