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Tuesday, March 8, 2016

वसंत में , 

बसंत !!! उपवन में फूलों की आई बहार ;
देखो !!! पलाश का मित्र बना नन्हा कचनार !
देर सवेर !!! आयेगा  रूठा अमलतास भी  ,,
साजे !!! तन उसके वल्लरी, उलझी सी नार !!,,,,तनुजा ''तनु ''

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