Labels

Saturday, March 19, 2016


चरकली खोवाणी 



आँगणा  री चरकली खोवाणी; 
वा म्हारी चिड़िया राणी, ,,, 
अठे  फुदकती वा वठे फुदकी !
घणी थी वणि की मनमानी !!
वा म्हारी  चिड़िया राणी ,,,,,
आँगणा  री चरकली खोवाणी 


चारूं मेर विखरया रे टनकला ;
फोटु रा पाछे नन्ना चरकला, ,,,
दाना विणी ने लाती नानकडा !
इन खवाड़े वीने खवाड़े,
असी जसी गुड री धाणी , ,,,,
वा म्हारी चिड़िया राणी .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 


बड़ा बड़ा आँगणा ने नाना मोटा रुंख ; 
आम्बा फूल्या मोर ने कोयल री कूक, ,,, 
सुणी  रे परबाती, कोदों कुटकी री चुँख ! 
भूली भूली ने आवै वा आरसी री टुंक !!
भुर्र से उड़े ने भुर्र से आवै , ,,
कठा से लावे दाणा पाणी ,
वा म्हारी चिड़िया राणी .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 


छोटा छज्जा ने नानिक सी धूप ;
कसो विग्ड्यो रहन सहन रो रूप , ,,
चरकली खोयी ने नरा पंछी खोया ;
धीरे धीरे म्हाये कडुचा बीजा बोया!
लीमड़ा री डाल पे आम्बा नी लागे , ,,
बखत तो रुके नी आगे आगे भागे !
आवतां बखत में जावती कहाणी
वा म्हारी चिड़िया राणी।।। .... आँगणा  री चरकली खोवाणी 
तनुजा ''तनु ''
  



No comments:

Post a Comment